About Swar Sagar Sanstha

Swar Sagar Sanstha is a Govt. recognized non-profit organization aimed to support various Performing Arts & Activities at international level. Our objective is to help people who see their future in performing arts & activities by providing them a platform to prove themselves and make their career in performing. With the help of our associations we’ll organize workshops and competitions so that we can reach large number of people. Our associations have their own focuses in finding and helping diverse set of people to move forward in their lives.

"अमर संगीत साधक" स्मृति शेष आर पी वर्मा

माता - स्वर्गीय किशोरी देवी
पिता - हनुमान प्रसाद
पत्नी - स्वर्गीय विभा वर्मा
पुत्री - मनीषा( पत्नी - विवेक कुमार श्रीवास्तव)
         सुनीषा (पत्नी - सुनील कुमार श्रीवास्तव)



सांगीतिक शिक्षा -

प्रख्यात बांसुरी वादक पंडित गौंड गोस्वामी जी के योग्य शिष्य श्री आर पी वर्मा जी मैं अपनी प्रतिभा के विकास हेतु जिन महान संगीतज्ञों से शिक्षा प्राप्त की उनका संक्षिप्त परिचय।

  • 1. पंडित गौंड गोस्वामी जी 'मैहर घराना' के प्रख्यात बांसुरी वादक थे जिनसे 5 वर्षों तक श्री आर पी वर्मा जी ने विधिवत बांसुरी वादन सीखा।
  • 2. विद्वान शास्त्रीय गायक ' पंडित निहार रंजन बनर्जी' जी से भी मार्गदर्शन श्री वर्मा जी को प्राप्त हुआ।
  • 3. पद्मश्री " उस्ताद हाफिज अहमद खान" जी श्री वर्मा जी ने कुछ वर्षों तक " रामपुर सहरावान" घराना की गायन एवं तंत्रकारी संबंधी बारीकियां सीखी।




श्री आर पी वर्मा जी

  • 4. पंडित ओंकारनाथ ठाकुर जी के शिष्य "नंदन" जी से भी वर्मा जी ने " राग प्रस्तुतीकरण" संबंधी अनमोल ज्ञान प्राप्त किया।
  • 5. संगीत शास्त्र पक्ष का ज्ञान वर्मा जी ने अपने मित्र प्रसिद्ध तबला वादक पंडित शंकर घोष के शिष्य श्री आशुतोष बनर्जी से प्राप्त किया।

आपके गुरु भाई पद्मश्री राजेंद्र प्रसन्ना जी साक्षात बांसुरी वादक हैं। वर्मा जी "मारवा, काफी और भैरवी अंग" की प्रस्तुतीकरण में बहुत रुचि लेते थे।



उपलब्धियां -

  • 1. बाल काल से ही संगीत प्रतिभा के धनी वर्मा जी अल्प आयु सहित संगीत के प्रति अपनी क्षमता का परिचय सबको देना प्रारंभ कर दिया। बिहार के मोतिहारी जिले के प्रतिष्ठित जमींदार घराने से इनका जन्म हुआ।
  • 2. किशोरावस्था मैं श्री रमेश प्रसाद वर्मा जी भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद जी बिहार के युवा महोत्सव में अपनी विलक्षण संगीत प्रतिभा प्रदर्शन के कारण पुरस्कृत किए जाए।
  • 3. युवावस्था में आपने जमशेदपुर से इंजीनियरिंग की शिक्षा भी एवं कोलकाता में आपने गुरु पंडित गॉड गोस्वामी के संपर्क में आए।
  • 4. जमशेदपुर टाटा स्टील कंपनी में अपने नौकरी की। आपको विवाह श्रीमती विभा वर्मा पुत्र बिंदेश्वरी प्रसाद(सेल्स टैक्स कमिश्नर) से हुआ।
  • 5. जमशेदपुर में रहते हुए संगीत क्षेत्र में प्रशंसनीय योगदान दिया कथा पटना एवं कोलकाता रेडियो दूरदर्शन में अनेकों कार्यक्रम किए।
  • 6. वर्मा जी ने टाटा की नौकरी छोड़कर अपने संगीत के रुझान के कारण आकाशवाणी में स्टाफ कलाकार के रूप में नौकरी की।
  • 7. आकाशवाणी के कई केंद्रों पर कार्य करने के बाद राजस्थान से स्थानांतरित होकर 1992 में गोरखपुर आ गए।
  • 8. गोरखपुर में कार्य करते हुए श्री वर्मा जी कई महत्वपूर्ण महोत्सव में सम्मानित किए गए। जैसे - आजमगढ़, फैजाबाद, गोंडा, मगहर, लखनऊ, वाराणसी आदि।
  • 9. सहारा श्री सुब्रत राय द्वारा आयोजित ज्योति पर्व में लगातार तीन वर्षों तक निर्णायक के रूप में रहे।
  • 10. रेलवे के कल्चरल कोटा मैं भी निर्णायक मंडल के सदस्य रहे।
  • 11. भारतीय जनता पार्टी, गोरखपुर के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संरक्षक रहे।


आपके द्वारा संगीतबद्ध रचनाओं को प्रख्यात कलाकारों ने सहर्ष गाया जैसे - अहमद हुसैन- मोहम्मद हुसैन, पीनाज मिसानी, छाया गांगुली, सीमा सहगल आदि प्रमुख हैं।

आकाशवाणी में रहते हुए आपने अनेकों फीचर का निर्माण किया एवं गीत, गजल ,भजन को संगीतबद्ध किया। जिसे गोरखपुर के नामी कलाकारों ने वर्मा जी के निर्देशन में गाया।

वर्मा जी ने 'स्वर सागर संगीत विद्यालय' की स्थापना की एवं कई प्रतिभाशाली शिष्यों को तैयार किया जो देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं एवं आकाशवाणी दूरदर्शन के प्रतिष्ठित कलाकार हैं। ईश्वर आपकी भावी पीढ़ी को प्रगति प्रदान करें एवं संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान करने हेतु क्षमता दे।